Amit Anjan
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Wednesday 11 April 2018
मैं अधूरी तहरीर हूँ मुझको मुकम्मल कर दो। अपने होठो से छू करके मुझको ग़ज़ल कर दो।
मैं अधूरी तहरीर हूँ मुझको मुकम्मल कर दो।
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